जय श्री बाँके बिहारी लाल की_
जय श्री श्री बिहारी जी भगवान् की
श्री श्री बिहारी जी के चरणों में बारम्बार शत शत प्रणाम
कोटि कोटि प्रणाम
भक्त वत्सल भगवान् है श्री श्री बिहारी जी
भक्तो के सभी इच्छाओं को विशुद्ध रूप दे कर परिपूर्ण करने वाले दाता है श्री बिहारी जी
दीन दुखियो पर विशेष कृपा करते है श्री बिहारी जी
बिहारी जी के दरबार से कोई खली हाथ नहीं लोटता
भक्त मन में आसू ले कर आते है और मुस्कान के कर जाते है बिहारी जी के दरबार से
अपने भक्तो के बड़े ही प्रेमी ही श्री बिहारी जी
श्री बिहारी जी के भव्य दर्शन जीव को आत्म साक्षात्कार हेतु परम सहायक सिद्ध होते है
श्री बिहारी जी का विशेष दिनों पर बंगला सजाया जाता है वह जीव को आत्म विभोर कर देता है उस समय श्री बिहारी जी विग्रह से बाहर आ कर भक्तो को सजग स्वरुप में दर्शन देते है यह दर्शन ही उनका असीम आशीर्वाद है
बिहारी जी की महिमा अपरम्पार है दुखियो के दुःख दूर करते है, साधुओ के मन को भगवत प्राप्ति के गति प्रदान करते है संसारियो को साधन सुख व् प्रेमिओ को मिलन का आशीर्वाद दे कर उनके मनोरथ पूर्ण करते है ऐसे ही बाल्य रूप श्री बिहारी जी भगवान्
Lord Krishna and Sri Vrindavan, both are tangible support for devotees on the planet,
Sri Vrindavan is Loving abode of Lord Krishna,
Sri Vrindavan is truth of blessing for devotees,
Temple of Sri Bihari ji in Sri Vrindavan is well known divine chapter for devotees to adore with,
There are more than 5000 temples in Sri Vrindavan But the glory of the temple of sri Bihari ji is unique in self,
.Presiding deity of temple is Sri Bihari ji,
Sri Bihari ji is incarnation of Lord Krishna in the form of a child that to bless Saint Sri Hari Das ji,
Shukla Paksha Panchami of Marghish month of Hindu Calendar is celebrated as appearance day of Sri Bihari ji,
A comprehensive divine chapter for devotees is Sri Vrindavan.
Sri Bihari ji care his devotees like any thing,
Sri bihari Ji loves one that who chants the name of Sri Radhey in true spirit,
Sri Bihari ji loves one that who maintain the dignity of divine land through thought word and deed,
Sri Bihari ji love one that who loves Sri Vrindavan,
Bihari ji loves one that who maintain purity at heart and mind,
Bihari ji loves one that who serve the nature and the cow in true spirit,
In Vrindavan every temple is unique but the glory of Sri Bihari temple is unique in self, indeed it is a wish yielding truth for devotees.
Obeisance to the lotus feet of Sri Sri Bihari ji and his divine abode sri Vrindavan,
May lord bless all.
Thanks please.
हरे कृष्ण हरे कृष्ण
कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम
राम राम हरे हरे
जय श्री राधे -जय श्री राधे -जय श्री राधे
जय श्री वृन्दावन -जय श्री वृन्दावन -जय श्री वृन्दावन