Hare Krishna
ॐ परमात्मने नमःॐ श्री गणेशाय नमः
कृष्ण कृष्ण कृष्ण
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेव
कृष्ण नाम ही वह नोका जो जीव को भव सागर से सहज पार उतारती है,
कृष्ण नाम जाप जीव को सत्य की और ले जाता है
दिव्या लोक जहा से जीव का पदार्पण पृथ्वी पर होता है वह कृष्ण नाम में ही निहित है
कृष्ण जाप से जीव भगवत सत्य को प्रप्त होता है
कृष्ण जाप से ही ज्ञान उदय होता है
कृष्ण जाप से ही जीव दिव्या गति को प्रप्त होता है
कृष्ण जाप संसार के सभी दुखो का नाशक है
कृष्ण जाप से आत्मा को अमृत तत्व की प्राप्ति होती है
कृष्ण जाप मन को स्थिर कर आत्मा के समीप लाता है
Washing in water the blemishes of mind can not be removed, mind will purify only when one sings the glory{praise} of lord.
Mind delights in talking and listening but practice is quite another matter, the darkness of ignorance can not be dispelled until or unless chanting the very name of lord Krishna.
Rarely peoples reads the massage of true love, divine love, is there any use of heaving scripture if thou hast no love in the lotus feet of lord Krishna.
The secret of self is revealed in the true inner spiritual experience, which is unspeakable but attainable through worshipping the lotus feet of lord Krishna.
May lord bless all.
Thanks please.
जय श्री राधे -जय श्री राधे -जय श्री राधे
जय श्री वृन्दावन -जय श्री वृन्दावन -जय श्री वृन्दावन