Hare Krishna
हरी बोल
बृज भूमि धरा पर एक दिब्य स्थान है जहा श्री राधे कृष्ण की मधुर व् दिव्या प्रेम की महक सदा ही विराज मान रहती है
भगवान् कृष्ण की दिव्य लीला स्थल का नाम ही बृज भूमि है
बृज भूमि स्वयं में पवित्रता की असीम सीमा है
जहा भगवान् कृष्ण सदा ही गतिमान रहते है वह श्री बृज भूमि
बृज भूमि में सभी जगह दिव्या प्रेम का प्रकाश प्रकाशित है और कार्तिक से फागुन माह तक इसे विशेष रूप से देखा जा सकता है
भक्त प्रेम रस पान की अभिलाषा से यहाँ आते है और कृष्ण प्रेम के सागर में स्वयं को समर्पित करते है
यहाँ श्री कृष्ण पुरुषोत्तम पुरुष के वेश में वास कर भक्तो को धन्य करते है
यहाँ मन के दर्पण में भक्त आज भी ब्रह्म रास का सम्पूर्ण आनंद लेते है
सत रज एवं तम गुणों से परिपूर्ण है यह दिव्य कृष्ण स्थली
श्री चंद्रमा की शीतल छाया से परिपूर्ण है श्री ब्रिज भूमि
श्री शनि देव की कृपा से विभूषित है श्री ब्रिज भूमि
श्री सूर्य देव के तेज से परिपूर्ण है श्री ब्रिज भूमि
श्री गुरु देव की कृपा से सुशोभित है श्री ब्रिज भूमि
परम संत महात्माओ व् दिव्य आत्माओ की चरण राज से प्रकाशित है श्री ब्रिज भूमि
श्री गोपियों के भक्ति प्रेम से परिपूर्ण है श्री ब्रिज भूमि
श्री कृष्ण लीलाओ की सुगंध से परिपूर्ण है श्री ब्रिज भूमि
श्री कृष्ण विहार भूमि का दिव्या नाम है श्री ब्रिज भूमि
भगवान् श्री कृष्ण की नित्य लिलो से परिपूर्ण है श्री ब्रिज भूमि
गोलोक श्री वृन्दावन जिसकी महारानी श्रीमती राधारानी है वह सम्पूर्ण बृज भूमि का दिव्य केंद्र है
यहाँ की गरिमा है श्रीमती राधारानी जी
यहाँ यमुना देवी का पुण्य प्रभाव सर्वत्र प्रकाशित है
यहाँ गिरिराज की महिमा अनन्य है वह स्वयं फल दी हो जीव की इच्छा को रूप देते है
श्री गिरिराज जी की परिक्रमा स्वयं में अनंत फलदाई है
गोवर्धन में मानसी गंगा का महत्व अकथनीय है
श्री गिरिराज जी की परिक्रमा राधाकुंड के दर्शन से ही परिपूर्ण होती है
यहाँ के वन उपवन जीव के मनो मल को दूर करते है
ब्रिज भूमि के कुछ दिव्या वन है
कोकिलावन
श्री भद्र वन
माट वन
बेल वन
लोह वन
महावन
व् सर्वोपरि श्री श्री वृन्दावन
यहाँ के दिव्य कुंड अपार शक्ति के स्त्रोत है
बरसाने का कृष्ण कुंड व् गोवर्धन का राधा कुंड अद्त्रितिये है
गोवर्धन के ललित कुंड की महिमा अपार है
बरसाने का वृषभानु कुंड अमित फल दाई है
गोवर्धन व् श्री वृन्दावन का ब्रह्म कुंड स्वयं सिद्ध है
कोकिला वन का रत्नाकर कुंड भक्ति रत्न सम है
श्री वृन्दावन के सेवा कुञ्ज में स्थित ललित कुंद भक्तो को हृदय मार्ग के कृष्ण प्राप्ति पथ प्रकाशित करता है
श्री वृन्दावन का गोविन्द कुंड रंग नाथ जी के मंदिर के निकट भक्तो को भक्ति रस से विभोर करता है
ब्रिज भूमि में सभी देवी देवताओ ने अपने भक्ति तत्व को कुंद का रूप दे कर भक्तो के सत्य पथ को प्रकाशित करने हेतु कुंड स्थापित किये समय व् परिवर्तन की गति को पार कर भी बहुत से कुंद आज भी ब्रिज मंडल की शोभा बड़ा रहे है कस्यावन में यशोदा कुंद की महिमा अद्रितिये है यहाँ श्री कृष्ण यशोदा के साथ आकर बाल्यकाल को शुशोभित करते थे
बृज भूमि के सभी दिव्य कुंडो के छेत्र पाल भगवान् शिव है यहाँ सभी दिव्य कुंड महादेव की कृपा छेत्र में है
महादेव ब्रिज भूमि के सभी जगह किसी न किसी रूप में विराजमान है
यहाँ का प्रत्येक वृक्ष राधे कृष्णा के प्रेम की सुगंद बरसता है
बृज भूमि में ही यमुना जी का सर्वाधिक महत्त्व है
श्री यमुना जी का ह्रदय बड़ा ही कोमल है और उसका वर्णन शब्दावली से नहीं किया जा सकता
देवी यमुना त्रितापो से भक्तो को मुक्ति पथ ही नहीं दर्शाती अपितु कृष्ण भक्ति पथ भी प्रदान करती है
श्री कृष्ण लोक प्राप्ति का सुगम साधन है श्री श्री यमुना जी
श्री यमुना देवी वृन्दावन को तीन और से घेरते हुए मथुरा में चंद्रकार हो इस भूमि को धन्य करती है
श्री मथुरा जी का विश्राम घाट भू लोक में कृष्ण लोक का प्रतिबिम्भ है
श्री यमुना जी के ब्रिज भूमि में चोबीस घाट जीव के २४ मुख्य तत्वों के प्रकाशक है
श्री यमुना जी के घाटो पर ब्रह्माण्ड के सभी तीर्थ सदेव उपस्थित हो भक्तो के सेवा का लाभ पाते है
श्री यमुना जी के तट पर मूलत सभी गृह भक्तो के मनोरथ को विशुद्ध रूप देते है
श्री यमुना जी के तट पर चीर घाट मानव कल्याण का सूत्र व् सन्देश देता है
श्री यमुना जी के सामीप्य में वट पीपल कदम्भ व् अन्य वृक्ष भक्तो के भाव को सहज रूप से कृष्णा चरणाविंद का भेद दर्शाते है
देवी यमुना सभी कृष्ण भक्तो पर अस्सेम कृपा कर कृष्ण प्राप्ति का सूत्र प्रदान करती है
श्री देवी यमुना व् उनकी कृपा असीम व् अपार है सो सदेव कृष्ण भक्तो पर दया बरसाती है
श्री वृन्दावन में देवी यमुना के दर्शन का लाभ मात्र सहज लाभ नहीं है यह एक दिव्या सूत्र है जो आत्मा को ब्रह्म से जोड़ने में सहायक सिद्ध होता है
जय श्री यमुना, जय श्री यमुना, जय श्री यमुना
यह पुराणिक मान्यता है की ब्रिज भूमि में एक दिन वास करने मात्र से मानव श्री कृष्ण भक्ति का पात्र हो जाता है यह भी परिपूर्ण सत्य है जो यहाँ वास करते हुए कृष्ण प्रेम में लय हो जाता है वह कृष्ण लोक में वास सुनिश्चित कर लेता है
ब्रिज भूमि में तीन दिव्य सूत्र श्री कृष्ण प्रेम के प्रति परिपूर्ण सजग व् नित्य स्वरुपा है वह है
श्री देवी वृंदा
श्री देवी यमुना व्
श्रीमती राधा रानी
जो मानव यहाँ तीन रात्रि कृष्ण प्रेम में व्यतीत करता है वह परम दुर्लभ गति को प्राप्त करता है जो देवताओ के लिए भी सहज संभव नहीं
ब्रिज भूमि के निमित अनन्य प्रेम धारण कर कही भी जो मानव राधे नाम का जाप करता है वह कृष्ण प्राप्ति का परम पत्र हो जाता है
जय श्री राधे
बृज भूमि की दिव्य स्थान है जो जिव को ब्रह्ममय करने में परिपूर्ण सक्षम है वह है
श्री मथुरा जी
श्री मधुबन
श्री तालवन
श्री बहुलावन
श्री भद्र वन
श्री बेल वन
श्री माट
श्री लोहवन
श्री गोचारंवन
श्री छटिकरा
श्री गरुड़ गिविंद
श्री गोवर्धन
श्री राधा कुंड
श्री ललित कुंड
श्री चकलेश्वर महादेव
श्री गौरी कुंड
श्री गोविन्द कुंड
श्री काम्यवन
श्री श्री बरसना
श्री श्रृंगार वट
श्री नरी सामरी
श्री कदम्भ टेर
श्री नन्द गाव
श्री श्री कोकिला वन
श्री कोत्स्वन
श्री अक्षय वट
श्री गोकुल
सर्वोपरि श्री श्री वृन्दावन { बृज भूमि का सजग ह्रदय}
इत बरहद इत सोनहद, उत सुरसेन को गावब्रिज चोरासी कोष में मथुरा मंडल माहः
हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा